सोमवार, 12 मई 2025

दुनिया में एक देश ऐसा है कि जिसका राष्ट्रीय ध्वज न चौकोर है और न ही आयताकार। इसके राष्ट्रीय ध्वज की क्या विशेषतायें हैं

नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है। अगर आपने मेरे blog को follow नही किया है तो जल्दी से करे और जाने रोचक खबरों के बारे में।

यह देश नेपाल है।इसके राष्ट्रीय ध्वज में ऊपर-नीचे दो त्रिकोणीय आकृतियाँ है जिनका रंग लाल है परन्तु किनारे नीले हैं। ऊपरी त्रिकोण में अर्धचंद्र व नीचे के त्रिकोण में सूर्य की आकृति है । माना जाता है कि नीली किनारियाँ देश की शीतलता, लाल रंग इसके शौर्य व नक्षत्रों की उपस्थिति इसके दीर्घ इतिहास व भविष्य का संकेत देती है। वैसे लाल रंग नेपाल के राष्ट्रीय पुष्प गुराँस का भी है जिससे ध्वज के लाल रंग को इससे जोड़ कर देखा जाता है।

गंगा नदी से संबधित प्रमुख तथ्य


   नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है
       सनातन काल से भारत में प्रभावित हो रही और हिन्दू मतावलंबियों में ' देवी माँ ' की तरह पूजनीय गंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड राज्य स्थित गोमुख हिमनद के निकट गंगोत्री ग्लेशियर से हुआ है । वहाँ से देव प्रयाग पहुंचने तक इसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है । देव प्रयाग में आकार अलकनंदा नदी का इसमे संगम हो जाता है । वहाँ से दोनों नदियों की सम्मिलित धारा एक रूप  होकर गंगा नदी के रूप मे आगे बढ़ती है।
  गंगा नदी भारत के उत्तराखंड , उत्तर प्रदेश , बिहार और पश्चिम बंगाल राज्यों मे प्रवाहित होती हुई पड़ोसी राष्ट्र बांगलादेश में जाती है और वहाँ पर ब्रम्हपुत्र से संगम के बाद बंगाल की खड़ी के सागर जल में विलीन हो जाती है । इस प्रकार इसकी कुल लंबाई 2525 किलोमीटर है और भारत में इसकी लम्बाई 2510 किलोमीटर है । पश्चिम बंगाल में इसकी एक धारा को हुगली नाम से जाना जाता है और बांग्लादेश में प्रवेश करने पर इसका एक नया नाम मिलता है 'मेघना ' । भारत के प्रमुख धार्मिक  शहर गंगा नदी के तट पर बसे हुए है और औद्योगिक नगर भी । इसमे प्रमुख हैं - ऋषिकेश ,हरिद्वार , गढ़मुक्तेश्वर , मुरादाबाद , रामपुर , कानपुर , इलाहाबाद , वाराणसी , मिर्जापुर , पटना और पाकुर । 

क्या है PH मान, कैसे इसको हम परिभाषित कर सकते है

नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है, आपने तो PH  के बारे में सुना ही होगा । साइंस में PH का क्या महत्व है आज हम इसके बारे में बात करते हैं
• इसका पूरा नाम पोटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन हैं।
• 1909 ई• में सॉरेंसन ने एक नये स्केल को परिभाषित किया जो PH स्केल कहलाता है ।
•  इसका मापन PH द्वारा या विशेष सूचकों  के रंग परिवर्तन द्वारा किया जाता है।
•  इस मापक्रम में 1से 14 तक का ph माप ज्ञात कर सकते हैं।
• PH का मान 7 होने पर उदासीन,7 से कम होने पर अम्लीय तथा 7 से अधिक होने पर क्षारीय होता है।
      कुछ पदार्थों में PH का मान
•चुने का पानी                   10.5
•अंडे की सफ़ेदी/समुद्री       7.8
    जल
•दूध                                 6.8
•मानव लार                       6.4
•ब्लैक कॉफी                     5.0
•टमाटर का रस                  4.2
•मृदु पेय एवं सिरका            3.0
•नींबू का रस                      2.2

इतिहास के जन्म दाता कौन थे ?

  ➤  हेरोडोटस (Herodotus) , यूनान का प्रथम इतिहासकार व भूगोलवेत्ता था । हेरोडोटस का संस्कृत नाम हरिदत्त था । 
  ➤  हेरोडोटस हिस्ट्री (History) शब्द के प्रथम प्रयोगकर्ता थे । इन्होंने वास्तविक इतिहास लेखन की नींव रखी थी । 
  
 ➤  रोमन   दार्शनिक सिसरो ने हेरोडोटस को इतिहास का जनक / पिता  (Father Of History) की 
संज्ञा  दी 
  इन्होने अपने इतिहास का विषय पेलोपोनेसियन युद्ध को बनाया था । इनकी प्रसिद्ध पुस्तक  हिस्टोरीका (Historica) थी । 

शनिवार, 29 दिसंबर 2018

तेलंगाना के बारे में

तेलंगाना की राजधानीसबंधित जानकारी: वर्ष 1956 तक हैदराबाद एक राज्य था जब तक कि इसका आंध्रा प्रदेश में विलय नहीं हो गया हैदराबाद में बोली जाने वाली हिन्दी भाषा उत्तरी भारत में बोली जाने वाली हिन्दी से अलग है क्योंकि इसमें उर्दू तथा तेलुगु का मिश्रण है आन्ध्र प्रदेश की राजधानी होने के साथ ही इसे दस वर्ष तक तेलंगाना की सयुंक्त राजधानी भी घोषित किया जा चुका है इसके अतिरिक्त हैदराबाद, भारत का छठा सबसे अधिक जनसँख्या वाला शहर है बिज़नस स्कूल के क्षेत्र में हैदराबाद भारत में सर्वश्रेष्ठ है यहाँ आई.आई.टी. तथा बिट्स जैसे महविद्यालय स्थित हैं तथा फिल्म व्यापार क्षेत्र में भी हैदराबाद सबसे आगे हैं भारत के 29 वें राज्य के रूप में आंध्र प्रदेश से अलग होकर बने राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को बनाया गया 2 जून 2014 को अस्तित्व में आया तेलंगाना 10 जिलों वाला राज्य है तथा हैदराबाद सयुंक्त रूप से आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना की राजधानी है जो कि वर्ष 2025 तक सयुंक्त रहेगी हैदराबाद तथा सिकंदराबाद को जुड़वां शहर के रूप में जाना जाता है हैदराबाद भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों को सूची में आता है

बुधवार, 24 जनवरी 2018

*भारतीय नदी(INDIAN RIVERS)*

*1 सिन्धु नदी* :-
•लम्बाई: (2,880km)
• उद्गम स्थल: मानसरोवर झील के निकट
• सहायक नदी:(तिब्बत) सतलुज, व्यास,
झेलम, चिनाब,
रावी, शिंगार,
गिलगित, श्योक जम्मू और कश्मीर, लेह
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*2 झेलम नदी*
•लम्बाई: 720km
•उद्गम स्थल: शेषनाग झील,
जम्मू-कश्मीर
•सहायक नदी: किशन, गंगा, पुँछ लिदार,करेवाल,
सिंध जम्मू-कश्मीर,
कश्मीर
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*3 चिनाब नदी*
•लम्बाई: 1,180km
•उद्गम स्थल: बारालाचा दर्रे के निकट
•सहायक नदी: चन्द्रभागा जम्मू-कश्मीर
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*4 रावी नदी*
•लम्बाई: 725 km
•उद्गम स्थल:रोहतांग दर्रा,
कांगड़ा
•सहायक नदी :साहो, सुइल पंजाब
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*5 सतलुज नदी*
•लम्बाई: 1440 (1050)km •उद्गमस्थल:मानसरोवर के निकट राकसताल
•सहायक नदी : व्यास, स्पिती,
बस्पा हिमाचल प्रदेश, पंजाब
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*6 व्यास नदी*
•लम्बाई: 470
•उद्गम स्थल: रोहतांग दर्रा •सहायक नदी:तीर्थन, पार्वती,
हुरला
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*7 गंगा नदी*
•लम्बाई :2,510 (2071)km •उद्गम स्थल: गंगोत्री के निकट गोमुख से
• सहायक नदी: यमुना, रामगंगा,
गोमती,
बागमती, गंडक,
कोसी,सोन,
अलकनंदा,
भागीरथी,
पिण्डार,
मंदाकिनी, उत्तरांचल,
उत्तर प्रदेश,
बिहार,
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*8 यमुना नदी*
•लम्बाई: 1375km
•उद्गम स्थल: यमुनोत्री ग्लेशियर
•सहायक नदी: चम्बल, बेतवा, केन,
टोंस, गिरी,
काली, सिंध,
आसन
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*9 रामगंगा नदी*
•लम्बाई: 690km
•उद्गम स्थल:नैनीताल के निकट एक हिमनदी से
• सहायक नदी:खोन
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*10 घाघरा नदी*
•लम्बाई: 1,080 km
•उद्गम स्थल:मप्सातुंग (नेपाल)
• सहायक नदी:हिमनद शारदा, करनली,
कुवाना, राप्ती,
चौकिया,
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*11 गंडक नदी*
•लम्बाई: 425km
•उद्गम स्थल: नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट •सहायक नदी :काली गंडक,
त्रिशूल, गंगा
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*12 कोसी नदी*
•लम्बाई: 730km
•उद्गम स्थल: नेपाल में सप्तकोशिकी
(गोंसाईधाम)
•सहायक नदी: इन्द्रावती,
तामुर, अरुण,
कोसी
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*13 चम्बल नदी*
•लम्बाई: 960 km
•उद्गम स्थल:मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से
•सहायक नदी :काली सिंध,
सिप्ता,
पार्वती, बनास
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*14 बेतवा नदी*
•लम्बाई: 480km
•उद्गम स्थल: भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्य प्रदेश
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*15 सोन नदी*
•लम्बाई: 770 km
•उद्गमस्थल:अमरकंटक की पहाड़ियों से
•सहायक नदी:रिहन्द, कुनहड़
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*16 दामोदर नदी*
•लम्बाई: 600km
•उद्गम स्थल: छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व
•सहायक नदी:कोनार,
जामुनिया,
बराकर झारखण्ड,
पश्चिम बंगाल
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*17 ब्रह्मपुत्र नदी*
•लम्बाई: 2,880km
•उद्गम स्थल: मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो)
•सहायक नदी: घनसिरी,
कपिली,
सुवनसिती,
मानस, लोहित,
नोवा, पद्मा,
दिहांग अरुणाचल प्रदेश, असम
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*18 महानदी*
•लम्बाई: 890km
•उद्गम स्थल: सिहावा के निकट रायपुर
•सहायक नदी: सियोनाथ,
हसदेव, उंग, ईब,
ब्राह्मणी,
वैतरणी मध्य प्रदेश,
छत्तीसगढ़,
उड़ीसा
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*19 वैतरणी नदी*
• लम्बाई: 333km
•उद्गम स्थल:क्योंझर पठार उड़ीसा
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*20 स्वर्ण रेखा*
•लम्बाई: 480km
•उद्गम स्थल ;छोटा नागपुर पठार उड़ीसा,
झारखण्ड,
पश्चिम बंगाल
—————————————*21 गोदावरी नदी*
•लम्बाई: 1,450km
•उद्गम स्थल: नासिक की पहाड़ियों से
•सहायक नदी:प्राणहिता,
पेनगंगा, वर्धा,
वेनगंगा,
इन्द्रावती,
मंजीरा, पुरना महाराष्ट्र,
कर्नाटक,
आन्ध्र प्रदेश
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*22 कृष्णा नदी*
•लम्बाई: 1,290km
•उद्गम स्थल: महाबलेश्वर के निकट
•सहायक नदी: कोयना, यरला,
वर्णा, पंचगंगा,
दूधगंगा,
घाटप्रभा,
मालप्रभा,
भीमा, तुंगप्रभा,
मूसी महाराष्ट्र,
कर्नाटक,
आन्ध्र प्रदेश
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*23 कावेरी नदी*
•लम्बाई: 760km
•उद्गम स्थल: केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी
•सहायक नदी:हेमावती,
लोकपावना,
शिमला, भवानी,
अमरावती,
स्वर्णवती कर्नाटक,
तमिलनाडु
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*24 नर्मदा नदी*
•लम्बाई: 1,312km
•उद्गम स्थल :अमरकंटक चोटी
•सहायक नदी: तवा, शेर, शक्कर,
दूधी, बर्ना मध्य प्रदेश,
गुजरात
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*25 ताप्ती नदी*
•लम्बाई: 724km
•उद्गम स्थल: मुल्ताई से (बेतूल)
•सहायक नदी: पूरणा, बेतूल,
गंजल, गोमई मध्य प्रदेश,
गुजरात
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*26 साबरमती*
•लम्बाई: 716km
•उद्गम स्थल: जयसमंद झील
(उदयपुर)
•सहायक नदी:वाकल, हाथमती राजस्थान,
गुजरात
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*27 लूनी नदी*
•उद्गम स्थल: नाग पहाड़ •सहायक नदी:सुकड़ी, जनाई,
बांडी राजस्थान,
गुजरात,
मिरूडी,
जोजरी
————————————–
*28 बनास नदी*
•उद्गम स्थल: खमनौर पहाड़ियों से
•सहायक नदी :सोड्रा, मौसी,
खारी कर्नाटक,
तमिलनाडु
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*29 माही नदी*
•उद्गम स्थल: मेहद झील से •सहायक नदी:सोम, जोखम,
अनास, सोरन मध्य प्रदेश,
गुजरात
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*30 हुगली नदी*
•उद्गम स्थल: नवद्वीप के निकट
•सहायक नदी: जलांगी
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बुधवार, 17 जनवरी 2018

नाथ संप्रदाय के बारे मे


                                              नाथ समप्रदय 
                                                                      

➤ नाथ संप्रदाय की स्थापना 10वीं  शताब्दी मे म्त्स्येन्द्रनाथ ने की थी । इस संप्रदाय मे शिव को आदिनाथ  मानते हुए 9 नाथों को दिव्य को पुरुष के रूप में मान्यता प्रदान की गई है । म्त्स्येन्द्रनाथ के ग्रंथो कौलज्ञान निर्णय और अकुलवीरतंत्र में इस सिद्धांत की विस्तृत चर्चा की गई है ।

➤ इस सिद्धान्त के अनुसार शिव का नाम अकु है तथा उसकी शक्ति का नाम कुल है । इन दोनों के संयोग से सृष्टि होती है । ऐसी स्थिति में इस साधना का समस्त कार्य स्त्री को साथ रखकर सम्पन्न किया जाता है । म्त्स्येन्द्रनाथ की यह साधना वज्रयानी बौद्धो की साधना के समतुल्य हैं इसलिए म्त्स्येन्द्रनाथ को अवलोकितेश्वर के अवतार के रूप में माना गया है और तिब्बत में इन्हें सिद्धालुईपाद के रूप में जाना जाता है । 

  बाबा गोरखनाथ : 11वीं शताब्दी में नाथपंथ संप्रदाय के प्रचार - प्रसार का कार्य बाबा गोरखनाथ ने किया । उन्होने साधना में स्त्रियों के प्रवेश का विरोध किया और कहा कि इनके संयोग व संसर्ग से साधना संभव नहीं है । इन्होने सच्चरित्रता व जीवन कि पवित्रता पर बल दिया । इनके अनुसार शिव की परमतत्व है । जब उसकी सृष्टि की इच्छा होती है तब यह शक्ति के रूप में परिवर्तित हो जाता है । इनके हठयोग व सहजयान योग का तत्कालीन समाज में तीव्रता से प्रचार हुआ ।   

दुनिया में एक देश ऐसा है कि जिसका राष्ट्रीय ध्वज न चौकोर है और न ही आयताकार। इसके राष्ट्रीय ध्वज की क्या विशेषतायें हैं

नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है। अगर आपने मेरे blog को follow नही किया है तो जल्दी से करे और जाने रोचक खबरों के बारे में। यह देश नेपाल है।इसक...