1.चौथी बार नेपाल के पीएम चुने गए देउबा
• भारत से करीबी संबंध रखने वाले शेर बहादुर देउबा चौथी बार मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री चुने गए। उन्होंने ऐसे वक्त में बागडोर संभाली है जब उनका देश एक राजनीतिक हलचल के दौर से गुजर रहा है। नेपाल की सबसे पुरानी पार्टी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा संसद में मतदान के बाद देश के 40वें प्रधानमंत्री बने हैं।
• 601 सदस्यीय संसद में कुल 558 वोट डाले गए, जिनमें उन्हें 388 वोट मिले। वह चुनाव में एकमात्र उम्मीदवार थे। देउबा के बुधवार को एक छोटी कैबिनेट का गठन करने की संभावना है और आने वाले कुछ दिनों में वह उसका विस्तार करेंगे। कुछ मधेसी पार्टियों को भी इस गठबंधन में शामिल किए जाने की संभावना है।
• देउबा (70) ने माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड की जगह ली है जिन्होंने सत्ता साझेदारी के एक समझौते के सम्मान में पिछले महीने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।चुनाव के बाद देउबा ने संविधान को लागू करने की प्रक्रि या आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, राजनीतिक पार्टियों को संविधान लागू करने के लिए साथ मिल कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, 28 जून को स्थानीय स्तर के दूसरे चरण का चुनाव कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी। नेपाल की राजनीति की कमान देउबा को ऐसे वक्त में मिली है जब देश में पिछले 20 साल में पहली बार स्थानीय स्तर का चुनाव हो रहा है। देउबा को 2016 में दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद् उपाधि से सम्मानित किया था।
2. खाड़ी संकट : रूठे पड़ोसियों को मनाएगा कतर
• कतर ने मंगलवार को कहा कि वह अरब देशों के साथ संबंध सुधारने की खातिर मध्यस्थता के प्रयासों के लिए भी तैयार है। सऊदी अरब, मिस, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, यमन और मालदीव ने आतंकवाद को प्रश्रय देने के आरोप में कतर के साथ कूटनीतिक संबंध समाप्त कर लिए और उसके साथ हवाई एवं समुद्री संपर्क भी स्थगित कर दिया।
• कतर के विदेशमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने ‘‘अल जजीरा’ को बताया, उनका देश खाड़ी संकट को हल करने की खातिर मध्यस्थता की कोशिशों के लिए तैयार है। उन्होंने बताया, कतर के शाह शेख तमीम बिन हमद अल थानी इस संबंध में देश के लोगों को संबोधित करने वाले थे लेकिन उन्होंने सोमवार रात कुवैत के अपने समकक्ष से टेलीफोन पर बातचीत के बाद यह संबोधन स्थगित कर दिया।
• विदेशमंत्री ने कहा, कतर कुवैत के शेख सबाह अल अहमद अल जबर अल सबाह को अन्य पक्षों के साथ बातचीत करने और इस संकट का समाधान निकालने का अवसर देना चाहता है।
• उन्होंने कहा, कुवैत के अमीर ने 2014 के खाड़ी संकट को हल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कतर के शाह उन्हें पितातुल्य मानते हैं। तथा संकट की स्पष्ट छवि सामने आने तक राष्ट्र के नाम संबोधन अथवा कोई अन्य कदम नहीं उठाने की उनकी इच्छा का सम्मान करते हैं।
• शेख मोहम्मद ने अल जजीरा को बताया, कतर के खिलाफ की गई कार्रवाई से उसके नागरिकों और खाड़ी अरब क्षेत्र में पारिवारिक संबंधों पर अभूतपूर्व असर पड़ा है।
• एदरेगन ने की नेताओं से बातचीत: तुर्की के राष्ट्रपति एदरेगन ने फोन पर कतर, रूस, कुवैत और सउदी अरब के नेताओं के साथ तनाव को कम करने के लिए बातचीत की। राष्ट्रपति सूत्रों ने बताया, खाड़ी देशों ने कतर पर आईएस के आतंकियों का समर्थन का आरोप लगाते हुए उससे संबंध तोड़ लिया है।
3. भारत में न्यायिक प्रक्रिया में सुधार की गति धीमी : बैंक रिपोर्ट
• व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिहाज से न्यायिक प्रक्रिया में सुधार को लेकर विश्व बैंक का मूल्यांकन बताता है कि भारत इस मामले में तमाम अफ्रीकी और पूर्वी एशियाई देशों से काफी पीछे है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायिक सुधार के लिहाज से भारत में तकनीकी क्रांति के इस युग में जरूरी सुधार नहीं हो सके हैं। इस कारण यहां अनुबंध (कांट्रैक्ट) को अमल में लाना आसान नहीं होता।
• रवांडा का उदाहरण देते हुए बैंक ने कहा है कि इस अफ्रीकी देश ने इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रानिक केस मैनेजमेंट सिस्टम को सभी अदालतों में लागू कर रखा है। इसके तहत मामले स्वत: दर्ज होने के साथ ही केस की सुनवाई की तिथि भी तय हो जाती है। साथ ही दावों का निपटारा भी खुद ही होता है।
• वहीं, भारत में इलेक्ट्रानिक केस मैनेजमेंट सिस्टम लागू नहीं होने से यह कई सब सहारा अफ्रीकी देशों की भी बराबरी नहीं कर पाता। यहां समन पहुंचाने के लिए पुराना तरीका अपनाया जा रहा है। 50 फीसद मामलों में स्थगनादेश जारी करने में नियमों का पालन नहीं होता।
• मामलों के निपटारे की समयसीमा भी तय नहीं है। ऐसे में विश्व बैंक ने भारत को 190 देशों की सूची में 130वें स्थान पर रखा है।
• रिपोर्ट में व्यावसायिक विवाद को सुलझाने के लिए दिल्ली और मुंबई में इलेक्ट्रानिक केस मैनेजमेंट सिस्टम की कमी का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि अदालतों में सुनवाई से पहले बातचीत का कोई प्रावधान नहीं है। साथ ही शिकायत दर्ज कराने और इससे संबंधित दस्तावेज पेश करने की कोई आनलाइन व्यवस्था नहीं है। आनलाइन व्यवस्था के तहत सिर्फ कोर्ट फीस का भुगतान और न्यायालय के आदेश को देखने की सुविधा उपलब्ध है।
• इस कारण विश्व बैंक ने इस श्रेणी में भारत को कोई अंक नहीं दिया है। विश्व बैंक की ओर से मूल्यांकन करने वाले टास्क फोर्स ने यह भी कहा कि सिविल केस के निपटारे के लिए अहम अदालतों में समय सीमा है, लेकिन इसका पालन कभी-कभी ही होता है।
• विश्व बैंक ने न्यायिक मानकों के आधार पर देशों को शून्य से 18 तक अंक दिए। ज्यादा अंक पाने वाले देशों में न्यायिक प्रक्रिया ज्यादा अच्छी मानी जाती है। विश्व बैंक की 2016 की रिपोर्ट में भारत को 18 में से 7.5 अंक मिले थे। 2017 में 18 में से 9 अंक मिले हैं, लेकिन यह समझना होगा कि अदालत की संरचना के मामले में इसे 5 में से 4.5 अंक मिले हैं।
• केस मैनेजमेंट में इसे छह में से 0.5, ऑटोमेशन में चार में से दो और विवाद के वैकल्पिक निदान मामले में तीन में से दो अंक मिले हैं।
4. सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने जताई उम्मीद : GST से 9% होगी वृद्धि दर
• सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि अगले महीने से लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से देश को नौ फीसद आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिलेगी।
• आजादी के बाद यह देश का सबसे बड़ा कर सुधार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी देश की कराधान पण्राली को सरल बनाएगा और कर चोरी से निपटने में मदद करेगा। कांत ने यहां एक कार्यक्र म में कहा, ‘‘जीएसटी 1947 के बाद देश का सबसे बड़ा कर सुधार है।
• जीएसटी से भारत को नौ फीसद आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।’’उन्होंने कहा कि जीएसटी का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है और यह देश के कराधान ढांचे में बड़ी क्रांति लाएगा। कई विशेषज्ञों ने भी कहा है कि जीएसटी से सकल घरेलू उत्पाद (जीएसटी) में एक से दो फीसद की वृद्धि का अनुमान है और दीर्घकाल में मुद्रास्फीति में दो फीसद से अधिक कमी आएगी।
• कांत ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब देश की आर्थिक वृद्धि दर मार्च तिमाही में 6.1 फीसद रही और सबसे तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था के मामले में चीन से पिछड़ गया।
• चीन की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 6.9 फीसद रही। हालांकि सालाना आधार पर भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2016-17 में 7.1 फीसद रही।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की तैयारी की समीक्षा की। बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क (सीबीईसी) बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
• नई व्यवस्था से आसान हो जाएगी कराधान पण्राली
• इससे जीडीपी में होगा दो फीसद का इजाफा
• दीर्घावधि में मुद्रास्फीति में आएगी दो फीसद की कमी
• चालू वित्त वर्ष में 7.1 फीसद रही वृद्धि दर
• चौथी तिमाही में घटकर 6.1% रहा है यह आंकड़ादऐसे में क्रांतिकारी कदम साबित होगा जीएसटी
5. एफडीआइ प्रस्तावों को मंजूरी दो माह में
• प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के प्रस्तावों पर अब जल्द निर्णय होंगे। सरकार ने मंगलवार को कहा कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड यानी एफआइपीबी के खत्म होने के बाद मंत्रलयों को आवेदन के 60 दिनों के भीतर एफडीआइ प्रस्तावों पर फैसला करना होगा। किसी भी तरह की अस्वीकृति के लिए औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) की सहमति जरूरी होगी।
• सरकार ने पिछले महीने विदेशी निवेश पर सलाह देने वाली 25 साल पुरानी संस्था एफआइपीबी को खत्म कर दिया। कारण यह है कि वह सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम के तहत तेजी से मंजूरी प्रदान करके अधिक एफडीआइ को आकर्षित करना चाहती है।
• वित्त मंत्रलय ने पत्र भेजकर कहा है कि एफआइपीबी के खत्म होने के बाद संबंधित मंत्रलयों को विशिष्ट सेक्टर में विदेशी निवेश के लिए मंजूरी देने के काम को आवंटित किया गया है। उद्योग मंत्रलय प्रशासनिक मंत्रलय के परामर्श से एफडीआइ प्रस्तावों की प्रोसेसिंग के लिए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करेगा। इन्हें बनाने में व्यवहार में एकरूपता और दृष्टिकोण में समानता को ध्यान में रखा जाएगा।
• पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि एफडीआइ प्रस्तावों की जांच के लिए जहां आवश्यक हो वहां स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) में अंतर-मंत्रलीय परामर्श की प्रक्रिया को शामिल किया जाएगा। एफआइपीबी के पास सभी लंबित आवेदन प्रशासनिक मंत्रलय को ट्रांसफर किए जाएंगे।
• एफआइपीबी पोर्टल की निगरानी का काम चार सप्ताह के भीतर आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) से डीआइपीपी को ट्रांसफर किया जाएगा।
• यह सही है कि ज्यादातर क्षेत्रों में एफडीआइ को मंजूरी पर संबंधित मंत्रलय फैसला करेंगे, लेकिन निजी सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े प्रस्तावों पर गृह मंत्रलय निर्णय करेगा। डीईए ऐसी वित्तीय सेवाओं के प्रस्तावों को निपटाएगा जो नियामक के नियंत्रण में नहीं हैं या जहां एक से अधिक नियामक हैं या नियामक के बारे में संदेह है।
• बैंकों में किसी भी एफडीआइ प्रस्ताव को वित्तीय सेवा विभाग मंजूरी देगा। इसके अलावा पूंजीगत सामान या मशीनरी के आयात के लिए आवेदन डीआइपीपी देखेगा।
6. अब अंतरिक्ष में इंसान भेजने की तैयारी करो!
• भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के पूर्व प्रमुख जी. माधवन नायर का कहना है कि अपने सबसे भारी रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के बाद अब इसरो को इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के अभियान पर, ‘‘सेमी-क्रायोजेनिक इंजन’ के अधिक विकास पर और पुन: प्राप्त एवं प्रयोग की जा सकने वाली प्रक्षेपण पण्राली पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
• नायर ने कहा, ‘‘जीएसएलवी मार्क-3 के कुछ प्रक्षेपण करने चाहिए, ताकि हम अपनी विश्वसनीयता साबित कर सकें और इसके साथ ही हमारे इंसानी मिशन (अंतरिक्ष में इंसान को भेजने) के कार्यक्रम की शुरुआत कर सकें और फिर निश्चित तौर पर सेमी-क्रायोजेनिक परियोजना पर काम कर सकें।’
• नायर ने कहा, ‘‘यदि आप पर्यावरण के अनुकूल रॉकेट चाहते हैं, भविष्य के लिए ज्यादा दक्ष रॉकेट पण्राली चाहते हैं तो इस लिहाज से सेमी-क्रायोजेनिक बेहद अहम है।’ उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में सेमी-क्रायोजेनिक इंजन को कुछ बूस्टरों की जगह ले लेनी चाहिए।’
• उन्होंने कहा कि जीएसएलवी मार्क-3 चार टन श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में सक्षम है और किफायती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अहम मोड़ साबित होना चाहिए, ताकि हम इसे एक बड़े भविष्य की ओर ले जा सकें। मैं कहना चाहूंगा कि पिछले पांच साल में यह इसरो के लिए सबसे अहम उपलब्धि है।’
• कहता है इसरो : इसरो के अधिकारियों के अनुसार, अंतरिक्ष एजेंसी हाल के वर्षो में इंसानों की अंतरिक्ष उड़ान के अभियान के लिए कुछ बेहद अहम प्रौद्योगिकियों पर काम करती रही है। उन्होंने कहा कि सेमी-क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट 2000 किलो न्यूटन के सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के डिजाइन और विकास से जुड़ा है, जो भविष्य के भारी पेलोड ले जाने में सक्षम प्रक्षेपण यान के लिए है।
• यह इंजन द्रवित ऑक्सीजन और प्रणोदक श्रेणी का केरोसिन इस्तेमाल करता है। ये पर्यावरण के अनुकूल और किफायती प्रणोदक हैं।
7. बैक्टीरिया के खात्मे का खोजा नया तरीका
• भारतीय वैज्ञानिकों ने नैनो-कंपोजिट्स नामक एक गैर-जैविक पदार्थ की मदद से बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण के इलाज का नया तरीका खोजा है, जो एंटी-बायोटिक दवाओं का विकल्प बन सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसकी मदद से दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके बैक्टीरिया को भी निशाना बनाया जा सकता है।
• किसी संक्रामक बीमारी के उपचार के लिए आमतौर पर एंटी-बायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है, पर उपयुक्त तरीके से दवा का उपयोग न होने से बैक्टीरिया में उन दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है।
• बैक्टीरिया के संक्रमण का वैकल्पिक इलाज खोजने में जुटे भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने पाया है कि नैनो-कंपोजिट्स के जरिये प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके बैक्टीरिया को भी आसानी से नष्ट किया जा सकता है। नैनो-कंपोजिट्स हाइब्रिड पदार्थ हैं, जो चांदी के सूक्ष्म कणों और ग्रेफीन से बने होते हैं। ये बैक्टीरिया के विकास को रोक देते हैं।
• सामान्यतया दवाओं की अपेक्षा नैनो-कंपोजिट्स बैक्टीरिया की कोशिकाओं के विभिन्न हिस्सों को एक साथ निशाना बनाकर उन्हें मार देते हैं। वहीं, चांदी के सूक्ष्म कण बैक्टीरिया के श्वसन तंत्र और ऊर्जा पैदा करने वाले तंत्र को बाधित कर देते हैं।
• चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेालिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्टियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ सर्दन ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह अध्ययन किया है। इसके प्राथमिक नतीजे साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। बैक्टीरिया संक्रमण के उपचार के लिए परंपरागत तौर पर उपयोग होने वाली एंटी-बायोटिक दवा नाइट्रोफ्यूरैंटॉइन की अपेक्षा नैनो-कंपोजिट्स को अधिक प्रभावी पाया गया है।
• हालांकि, इसका परीक्षण अभी लैब में विकसित बैक्टीरिया पर किया गया है, पर वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि नैनो-कंपोजिट्स कई परंपरागत बैक्टीरिया-रोधी दवाओं का विकल्प बन सकते हैं।
• नैनो-कंपोजिट्स के सटीक असर को लेकर अभी भी परीक्षण चल रहे हैं। पूर्व एवं ताजा अध्ययनों में नैनो-कंपोजिट्स के घटकों के व्यवधान तंत्र के बारे में बताया जा चुका है।
hello friends hum is blog me G.S. ke baare me jaankari prapt karege,aur kosis karenge ki aap ko humari tarph se koi aise post na ho jo aapko samjh me naa aaye.
गुरुवार, 8 जून 2017
दैनिक_समसामयिकी
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